Current Affairs 11th November 2020
- 8 नवंबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय रेडियोलॉजी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को पेशेवर रूप से रेडियोलॉजीस्ट रेडियोलॉजिकल टेक्नोलॉजीस्ट द्वारा मनाया जाता है।
- सूर्य क्षेत्रों की देखभाल में रेडियोलोजी योगदान के महत्व और मूल्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस दिन को पूरे विश्व में मनाया जाता है।
- इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले 2012 में की गई थी।
- 2020 की साल का अंतरराष्ट्रीय रेडियोलॉजी दिवस आठवां अंतर्राष्ट्रीय रेडियोलॉजी दिवस है।
अंतरराष्ट्रीय रेडियोलॉजी दिवस 2020 का विषय: रेडियोलॉजिस्ट एंड रेडियोग्राफर सपोर्टिंग पेशेंट ड्यूरिंग कोविड-19
- शांति और विकास के लिए हर साल विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिकों को विज्ञान के विकास के बारे में अच्छी तरह से बताया जा सके। इस वर्ष को निम्नलिखित विषय के साथ मनाया जाता है।
- इस दिन को 2001 में घोषित किया गया था और वह जादू से संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जा रहा है, दिन के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 नवंबर 2020 के दिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कृषि, पर्यटन, विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
- इन सभी योजनाओं की कुल लागत तकरीबन 614 करोड़ रुपए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 220 करोड रुपए की 16 स्कीम को लॉन्च किया और 400 करोड रुपए की 14 स्कीम का शिलान्यास किया।
- यह कार्यक्रम आकाशी रूप से आयोजित किया गया था जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
- DRDO मैं यात्री बसों के लिए अग्नि पहचान और दमन प्रणाली विकसित की है। तकनीकी 30 सेकंड से भी कम समय में बसों में आग का पता लगा सकती है। साथियों 60 सेकंड में आग को बुझा सकता है।
- इस तकनीक को दिल्ली स्थित सेंटर फॉर फायर विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा DRDO द्वारा विकसित किया गया था। आग का पता लगाने और दमन प्रणाली में 80 लीटर क्षमता का पानी का टैंक 16 एडमाइजर के साथ क्यूबिंग का नेटवर्क और 6.8 किलोग्राम नाइट्रोजन सिलेंडर होता है। स्थापित नाइट्रोजन सिलेंडर पर 200 बार तक दबाव डाला जा सकता है।
- 9 नवंबर 2020 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित रक्षा अनुसंधान विकास संगठन(DRDO) मुख्यालय में एंटी सैटलाइट मिसाइल सिस्टम का उद्घाटन किया।
- डीआरडीओ ने उड़ीसा के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर सफलतापूर्वक उपग्रह विरोधी मिसाइल परीक्षण किया है।
- यह सैन्य उद्देश्यों के लिए उपग्रहों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। हालांकि अभी तक युद्ध में कोई ASAT प्रणाली का उपयोग नहीं किया गया है। एएसएटी प्रौद्योगिकियों वाले देश भारत, चीन, अमेरिका,रूस है। यह दुनिया के एकमात्र देश है जिन्होंने तकनीक का प्रदर्शन किया है।
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