Current Affairs 9th December, 2020
इन्वेस्ट इंडिया को संयुक्त राष्ट्र निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार मिला
व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ने हाल ही में इन्वेस्ट इंडिया को संयुक्त राष्ट्र निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार 2020 के विजेता के रूप में घोषित किया है। यह पुरस्कार दुनिया भर में फैली निवेश प्रोत्साहन एजेंसियों के उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देता है। 2020 में पुरस्कार के लिए लगभग 180 ऐसी एजेंसियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
UNCTAD नई दुनिया में निवेश संवर्धन एजेंसियों की निगरानी के लिए एक टीम का गठन किया था। टीम का गठन मार्च 2020 में किया गया था मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के जवाब में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं कनेक्शन करने के लिए यह हुआ था। आईपीए प्रतिक्रिया 2020 संयुक्त राष्ट्रीय निवेश संवर्धन पुरस्कार का मूल्यांकन बन गई है। यह साबित करता है कि दुनिया में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत के नवाचार ने देश में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद की।
UNCTAD व्यापार निवेश और विकास के मुद्दों से संबंधित है। संगठन का मुख्य लक्ष्य व्यापार और निवेश को अधिकतम करना है। 1964 में स्थापित किया गया था। यह व्यापार और विकास रिपोर्ट और विश्व निवेश रिपोर्ट जैसे रिपोर्ट जारी करता है।
विश्व निवेश रिपोर्ट 2020, UNCTAD द्वारा जून 2020 में जारी की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार 2019 की तुलना में 2020 में एफडीआई प्रवाह में 40% की कमी आई है। पहली बार वैश्विक एफडीआई प्रभाव 2005 के बाद से 1 ट्रिलियन अमेरिकन डॉलर से कम हो गया है। यह अनुमानित है 2021 तक एफडीआई में 5% से 10% की कमी आएगी। रिपोर्ट के अनुसार 2019 में एफडीआई प्रवाह में भारत नौवें स्थान पर था। भारत में एफडीआई प्रवाह 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2018 में भारत 12वीं स्थान पर रहा था।
व्यापार और विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक बाहरी ऋण 2020 और 2021 में 2 ट्रिलियनअमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3.6 अमेरिकी डॉलर हो सकता है। कोविड-19 के विकासशील देशों में हिट होने से पहले भी कई लोग कर्ज के दलदल में फंसे हुए थे। रिपोर्ट में स्थिति में सुधार के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए थे
स्वचालित अस्थाई ठहराव को बनाने के लिए यह सभी विकासशील देशों के लिए व्यापक आर्थिक स्थान प्रदान करेगा।
ऋण राहत और पुनर्गठन कार्यक्रम।
यह अंतर्राष्ट्रीय विकासशील देश ऋण प्राधिकरण को भविष्य में ऋण पुनर्गठन के लिए नियामक नीव रखना चाहिए।
म्युच्युअल एजुकेशनल एंड कल्चरल एक्सचेंज एक्ट
1961 का म्युच्युअल और एजुकेशनल एंड कल्चरल एक्सचेंज एक्ट अमेरिका और अन्य देशों के बीच सही शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के लोगों और अन्य देशों के लोगों की आपसी समझ को बढाने की कोशिश करता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में इस अधिनियम के तहत चीन के साथ पांच सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रमों को समाप्त कर दिया है। इन कार्यक्रमों में नीति निर्धारक शैक्षणिक चाइना ट्रिप प्रोग्राम, यूएस चाइना फ्रेंडशिप प्रोग्राम, यूएस चाइना लीडरशिप एक्सचेंज प्रोग्राम, यू एस टाइगर ट्रांसपेसिफिक प्रोग्राम और हांगकांग एजुकेशनल एंड कल्चरल प्रोग्राम शामिल है।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
अमेरिका और अन्य देशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ाने के लिए।
शिक्षा और सांस्कृतिक विकास के संदर्भ में अमेरिका और अन्य देशों को एकजुट करने वाले संबंधों को मजबूत करने के लिए।
शैक्षणिक और सांस्कृतिक उन्नति में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों के विकास में सहायता प्रदान करने के लिए।
राष्ट्रपति के कार्य
अधिनियम की धारा 102 राष्ट्रपति को कार्रवाई करने के लिए अधिकृत करती हैं जो द्विपक्षीयता को बढ़ावा देगी। यह राष्ट्रपति को ऐसे कदम उठाने के लिए अधिकृत करता है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेंगे। इसमें अनुदान प्रदान करना अंतरराष्ट्रीय मेलों में भागीदारी और पुस्तकों को आदान प्रदान करना, सरकारी प्रकाशन आदि शामिल है।
अधिनियम की धारा 103 राष्ट्रपति को अधिनियम के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते बनाने के लिए अधिकृत करती हैं।
धारा 184 पति को अपने अधिकारियों को सौंपने की शक्तियां प्रदान करती है क्योंकि वह उचित होने के लिए निर्धारित करता है। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और राज्य विभाग अधिनियम के तहत किए गए अमेरिकी प्रायोजित एक्सचेंज के लिए जिम्मेदार है।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए जिम्मेदार है। इसकी स्थापना मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 1950 में की थी। यह स्थापित सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिशन संचालित करता है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का मुख्य मथक नई दिल्ली में स्थित है। काउंसिल इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार का प्रबंधन करती है।
आयकर विभाग ने असम में तलाशी अभियान चलाया
आयकर विभाग ने 4 दिसंबर 2020 को असम में अग्रणी कोयला कारोबारी के यहां तलाशी और सर्वेक्षण की कार्रवाई की जा रही है। तलाशी और सर्वेक्षण की कार्रवाई गुवाहाटी, डिगबोई, मार्गेरिटा और दिल्ली के 21 ठिकानों पर की गई।
समूह के ऊपर प्रमुख आरोप यह है कि उसने कोलकाता स्थित शेल कंपनी के जरिए 23 करोड़ रुपये अवैध शेयर कैपिटल और 62 करोड़ रुपये, अन सिक्योर्ड लोन के जरिए अवैध रूप से हासिल किए हैं। समूह ने ऐसा अपने लाभ को कम दिखाने के लिए किया।
कार्रवाई के दौरान इस बात के पुख्ता सबूत पाए गए हैं कि समूह ने कई अवैध लेन-देन किए हैं। तलाशी कार्रवाई के दौरान कैश लेन-देन के सबूत, हाथ से लिखे हुए दस्तावेज, डायरी भी मिली है। जिनका उल्लेख कंपनी के रेग्युलर अकाउंट में नहीं किया गया है। सभी जगह की जांच में इस तरह करीब 150 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन किए गए हैं। इसमें से 100 करोड़ रुपये आयकर अधिनियम, 1961 के तहत विभिन्न नियमों के उल्लंघन के रूप में सामने आए हैं। इसी तरह जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इसके अलावा कर्ज संबंधी लेन-देन नकद के रूप में भी किए गए हैं। यह रकम 10 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इसके अलावा 7 करोड़ रुपये के स्टॉक में भी हेर-फेर पाया गया है। इस संबंध में समूह द्वारा कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जा सका है।
कोलकाता स्थित शेल कंपनी को समूह की एक कंपनी द्वारा अधिग्रहण किया गया। लेकिन इस संबंध में न तो कोई बुक अकाउंट मिला है और न ही रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा अनिवार्य दस्तावेज मिले हैं। जिससे साफ होता है कि समूह अवैध पैसों का लेन-देन फर्जी कंपनी के जरिए कर रहा था।
इसी तरह तलाशी के दौरान करीब 3.53 करोड़ रुपये की नकदी पाई गई है, जिसका भी कोई हिसाब समूह द्वारा नहीं दिया जा सका है। इसके अलावा नोटबंदी के समय शेयर कैपिटल में नकद निवेश की पहचान हुई है। इसके अलावा आगे की भी जांच जारी है
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान योग के वर्चुअल पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत बना रहा है
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई), नई दिल्ली, कोविड-19 परिदृश्य के बाद ई-शिक्षा और वर्चुअल अध्ययन के नए मानदंड अपनाने की तैयारी कर रहा है। वर्चुअल पाठयक्रमों को तैयार करने और उन्हें शुरू करने तथा अपनी इंटरनेट उपस्थिति को अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए संस्थान को सक्षम बनाने के निमित क्षमता निर्माण के उपायों को संस्थान की स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) की हाल में आयोजित बैठक में अपनाया गया था।
संस्थान की प्राथमिकता ऐसे डिजिटल स्टूडियो स्थापित करने की है, जहां योग प्रशिक्षण के सत्रों की लाइव स्ट्रीमिंग के साथ-साथ रिकॉर्डिंग भी की जा सके। संस्थान ने विभिन्न ऑनलाइन शिक्षा और प्रशिक्षण गतिविधियों को आयोजित करने के लिए चार स्टूडियो स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसका एसएफसी ने अनुमोदन कर दिया था। इससे संस्थान को विभिन्न ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करने के साथ-साथ लक्षित दर्शकों की विभिन्न श्रेणियों की जरूरतों को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा पूरे परिसर को नेटवर्क से कवर करने के लिए अतिरिक्त एलएएन बिछाने के कार्य को भी मंजूरी दी गई है।
इस योग संस्थान ने योग की शिक्षा में सुविधा के लिए निर्देश देने वाले वीडियो के व्यापक सैट के उत्पादन का कार्य भी शुरू किया है। तीस मिनट की अवधि के सामान्य योग प्रोटोकॉल वाले दस वीडियो तैयार किये जा चुके हैं, जिनका अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचने बनाने के लिए दूरदर्शन पर उपयोग किया जाता है।
पूरे देश में अपनी पहुंच मजबूत करने के लिए संस्थान ने लेह के 100 छात्रों के लिए प्रोटोकॉल प्रशिक्षकों हेतु योग में एक महीने का सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम आयोजित किया था। एसएफसी ने संस्थान द्वारा किये जाने वाले पाठ्यक्रम के पूरे खर्च की मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम से लद्दाख में प्रशिक्षित और योग्य योग पेशेवरों का एक समूह तैयार करने में मदद मिली है, जो अभी हाल में गठित केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इस समूह के 13 छात्रों ने वेलनेस प्रशिक्षक (लेवल -2) के लिए योग में सर्टिफिकेट कोर्स की योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी) परीक्षा भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, और इन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किए गए हैं।
इस संस्थान ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया है। संस्थान ने नई दिल्ली में कोविड के मरीजों के लिए योग प्रशिक्षण केन्द्रों को सहायता प्रदान की है। इस संस्थान के योग प्रशिक्षक अंशकालिक आधार पर इन केन्द्रों में कार्य कर रहे हैं।
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में गैर-संचारी बीमारियों के लिए योग पर एक अंतर्राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित करने के कार्य का नेतृत्व कर रहा है। संस्थान ने सामग्री डिजाइन करने सहित सभी अग्रिम तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस अनुभव और प्रदर्शन से संस्थान की विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू प्रस्तावों की गुणवत्ता सुधारने में भी मदद मिलेगी।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) के आयोजन के एक हिस्से के रूप में योग के सुसंगत प्रदर्शन में मदद के लिए आयुष मंत्रालय ने 2015 में एक सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) तैयार किया था। इसमें योग अभ्यासों का एक सेट शामिल है जिसे औसत रूप से दो सप्ताह की अवधि में सीखा जा सकता है। इसके मानकीकरण और अपनाने में सरल होने के कारण जनता द्वारा इसे व्यापक रूप से अपनाया गया।
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