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आखिरकार एशिया के सबसे बड़ी गिरनार रोप वे प्रोजेक्ट का प्रारंभ हुआ

- जूनागढ़ के महत्वकांक्षी गिरनार रोप वे प्रोजेक्ट और किसान सूर्योदय योजना का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित के अधिकारियों की उपस्थिति में लोकार्पण हुआ और हवन अष्टमी के पवित्र दिन पर गिरनार रोपवे का प्रारंभ हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि रूप में कार्यरत होने से स्थानिक कक्षा पर रोजगार के नए अवसर खड़े होंगे।
- 1986 से रूप में प्रोजेक्ट के लिए कागज पर की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और कई अवरोध को पार करने के बाद गिरनार रोप वे तैयार हो चुका है।
- शनिवार को जूनागढ़ के बिलखा रोड पर आए पीटीसी कॉलेज कंपाउंड में किसान सूर्योदय योजना और गिरनार रोपवे का लोकार्पण कार्यक्रम योजा गया था। यह कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी प्रवासन मंत्री जवाहरभाई चावड़ा सहित के मंत्रियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सूर्योदय योजना और गिरनार रोप वे योजना का लोकार्पण किया था।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि गिरनार आस्था और प्रवासन का केंद्र है। वहां माता अंबे और गुरु दत्तात्रेय और कई जैन मंदिर शामिल है। सीढ़ियां चढ के गिरधार पर गए हुए आदमी को वहां पर पहुंचकर परम शांति का अनुभव होता है।
- उससे पहले सीढ़ियां चढ़कर वहां पर आए हुए अंबाजी मंदिर तक पहुंचने के लिए 4 से 5 घंटे का समय होता था, अब लोग रोपवे द्वारा 7 से 8 मिनट में वहां पर पहुंच सकेंगे।
- रूप में कार्यरत होने से जूनागढ़ में स्थानिक कक्षा पर रोजगार के नए अवसर खड़े होंगे और गिरनार एडवेंचर हब बनेगा और सबसे ज्यादा टूरिस्ट वहां पर आएंगे। जबकि किसान सूर्योदय योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि दिन में बिजली वह किसानों के लिए एक नई सुबह है।
- अन्नदाता,ऊर्जादाता बने वह दिशा में प्रयास चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों पर ड्रॉप मोर क्रॉप का मंत्र देकर पानी का दुरुपयोग ना हो उसका ध्यान रखने के लिए भी बताया था।
- जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय भाई रूपा जी ने बताया कि रूप में कार्यरत होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना पूरा हुआ है, और जूनागढ़ के लोगों को नवरात्रि का नया इनाम मिला है। उन्होंने बताया कि अब बुजुर्ग और बच्चे आसानी से अंबाजी मंदिर तक दर्शन कर सकेंगे, स्टैचू ऑफ यूनिटी,अहमदाबाद स्टेडियम बाद रोपवे तीसरा यूनिक प्रोजेक्ट है।
- उन्होंने बताया कि रोपवे प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए विरोधियों ने कई अवरोध खड़े किए थे, परंतु नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद यह अवरोध दूर हुए और रोपवे का सपना साकार हुआ है।
- प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रवासन क्षेत्रों में कम इन्वेस्टमेंट में सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध हो सकता है। प्रवासी तभी आएंगे जब उसको आधुनिक सुविधा मिलेगी। विश्व में रहने वाले गुजरातियों को गुजरात के ब्रांड एंबेसडर बन के प्रवासन स्थलों के बारे में सबको बात करने के लिए बताया था।
- प्रवासन मंत्री जवाहर भाई चावड़ा ने बताया कि रोपवे का लोकार्पण हो चुका है इससे अब वहां पर आने वाले प्रवासियों के कारण जूनागढ़ में सालाना 200 करोड रुपए जितनी आवक होगी।
- गुजरात के मुख्यमंत्री विजयभाई रुपाणी और उनकी पत्नी अंजलि बेन रुपाणी ऊर्जा मंत्री सांसद राजेश चूड़ासमा सहित के महानुभावों ने रोपवे जाके अंबे माता के दर्शन किए थे।
- 26 अक्टूबर से यह रोपवे जहर जनता के लिए सुबह 8:00 बजे से शाम को 5:00 बजे तक खुल चुका है।
- रूपए की टिकट ₹700 रखी गई है जिसमें बच्चों के लिए 350 और वन वे टिकट के 400 रुपए रखे हैं।
- जूनागढ़ के गिरनार की पर्वतमाला और जंगल के बीच से पसार होने वाली रोपवे ट्रॉली में लोअर से अपर स्टेशन तक ट्रॉली को पहुंचने के लिए 6 से 7 मिनट और ऊपर से लोन स्टेशन तक पहुंचने में 5 से 6 मिनट लगेगी।
- जूनागढ़ के गिरनार पर्वत पर शुरू हो गई रोपवे के लोअर से अपर स्टेशन के बीच का अंतर 2126.40 मीटर है। रूप रूप में की ट्रॉली लोअर स्टेशन से निकलने के बाद गिरनार जंगल और पत्थरों की शिलाओके पास से पसार होती है। रूप विक्की सफर के दरमियान गिरनार की पर्वतमाला में फैली हुई हरियाली और गिरनार के बाजू में आए हुए हसनापुर डेम, शहर और भवनाथ तालाब का अद्भुत नजारा और रोमांच का अनुभव होता है।
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